हिंदी का जश्न मनाते हैं…
आज़ादी के इतने वर्ष बीत गए,
फिर भी हम खुद को
अंग्रेजी के अधीन क्यों पाते हैं ?
क्यों नहीं हम अब भी
हिंदी का जश्न मनाते हैं?
पश्चिम से है, तो बेहतर है
यह सोच इस कदर घर कर गयी है
हिंदी हमारी प्यारी,
कहीं पिछड़ कर रह गयी है!
सिर्फ अंग्रेजी पर ही नहीं
अंग्रेजियत पर भी हम प्रश्न उठाते हैं
क्यों नहीं हम अब भी
हिंदी का जश्न मनाते हैं?
बदल गया है दौर,
शब्दों के चयन भी बदल जाते हैं
“नमस्ते” कहने से ज़्यादा लोग अब,
“हाय , हैल्लो” कहने में गर्व पाते हैं
बच्चों को “मछली जल की रानी” के बदले
शिक्षक अब, “जॉनी जॉनी” का पाठ पढ़ाते हैं
क्यों नहीं हम अब भी
हिंदी का जश्न मनाते हैं?
जब चीन, चीनी में है बोलता
जर्मनी जर्मन में मुँह खोलता
रशियन रुसी में आवाज़ लगाते हैं
तो फिर भारतीय ही हिंदी से क्यों शर्माते हैं
क्यों नहीं हम अब भी
हिंदी का जश्न मनाते हैं?
शान हमारी हिंदी है
अभिमान हमारी हिंदी है
पहचान हमारी हिंदी है
हिंदी का गुणगान हम करते जायें
हिंदी का जश्न मनायें
………..अभय ……….
नोट: जिन भारतीय को “हिंदी” से समस्या है उनसे अनुरोध है कि वे मेरी कविता में “हिंदी” के स्थान पर अपनी क्षेत्रीय भाषा जैसे तमिल, तेलगु, मलयालम, बंगाली या मैथिलि का उपयोग कर सकते हैं :-), मुझे कोई परेशानी नहीं है.
सही कहा आपने कविता के माध्यम से….
भारतीय होकर लोग हिन्दी बोलने में हीन भावना का अनुभव करते है।
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हाँ, मेरे अनुभव में आया था सोचा कि अनुभव को शब्द दे दूं। पढ़ने के लिए धन्यवाद ☺️
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😊
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Nice post….☺
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☺️
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बहुत ही खूबसूरत रचना है। हिंदी का जश्न मनाते हैं। मेरे विचारों से मैच खाता। मैं वर्डप्रेस पर चार जनवरी से ही ब्लॉग बनाया था इस लिए पढ़ नहीं पायी थी। समय मिलने पर सोचा पीछे का ही पढती हूँ।
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आपका बहुत धन्यवाद कि आपने पुरानी कविता पढ़ने का समय निकाला
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Reblogged this on the ETERNAL tryst and commented:
आज हिंदी दिवस है. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी और 1953 से ही हिंदी दिवस को मनाने की परंपरा चली आ रही है. आप सब जो हिंदी पढ़, लिख, बोल और सोच सकते हो, सभी को इस अवसर पर बधाई और जो ये सब नहीं कर सकते उनको विशेष बधाई, आप लोग भी हिंदी को पढ़िए और भारत की सबसे ज़्यदा बोली जाने वाली भाषा का लुत्फ़ उठाइये
आज के दिन मैं अपनी एक कविता को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ जो हिंदी को समर्पित है ….मैंने इसे पहले कभी लिखा था, आज पुनः प्रस्तुत कर रहा हूँ. आशा है आपको पसंद आएगी …
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