
सनातन धर्म में चार युग बताये गए हैं. सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग. अलग-अलग युगों में ईश्वर प्राप्ति की अलग अलग विधियों का वर्णन है. सतयुग में ध्यान, त्रेता में यज्ञ, द्वापर में अरचा विग्रह(मूर्ति पूजा) और इस कलयुग में यदि भव सागर को पार करना है, तो भगवान का नाम ही एक मात्र उपाय है.
भगवान के अनन्त नाम हैं, और हर नाम का कोई अर्थ. मैं उन नामों को देख रहा था और सोचा कि क्यों न इनको एक स्वर दिया जाये. पढ़िए और भगवान का स्मरण कीजिये.
अनन्त नामों में से कुछ…
केशव माधव मदन मुरारी
दयानिधि द्वारकाधीश बिहारी
यशोदानंदन मदनमोहन
देवकीनंदन घनश्याम
मुरलीधर श्याम मनोहर
मधुसूदन बलराम
विश्वरूप वासुदेव विश्वनाथ
जगद्गुरु जयन्ताह श्रीजगन्नाथ
लक्ष्मीकांत कंजलोचन
कमलनयन श्रीराम
अचल अजन्मा आदिदेव
पद्महस्ता परमपुरुष हिरण्यगर्भ
कृष्ण कन्हैया गोवर्धनधारी
मधुसूदन हरी मुरलीधारी
……….अभय………..
जय श्री कृष्ण अभय जी…बहुत अच्छी पोस्ट! साधुबाद आपको हिन्दू संस्कृति के महवपूर्ण बात शेयर करने के लिए!💐
LikeLiked by 3 people
हरे कृष्ण, अब हम लोगों को ही इस संस्कृति को आगे ले जाना है, आप भी हिन्दी लेखों के माध्यम से अच्छा काम कर रही हैं। आपको भी शुभकामनाएं।
LikeLiked by 2 people
जी धन्यवाद! इस संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हीं अपनी मातृभाषा में हीं लिखना पसंद करती हूँ मैं!!
LikeLiked by 2 people
सही भी है , पर मैं आजकल माहौल कुछ ऐसा बना है कि आप अंग्रेज़ी के उपयोग से ही बुध्दिजीवी कहलाते हैं। 😀
LikeLiked by 2 people
जी बिल्कुल सही कह रहे आप अजय जी!
अजी! क्या कम पढ़ा और लिखा हैं अँग्रेजी की अब भी उसी के पीछे दौड़ लगा लूँ…कुछ तो अपनी मर्ज़ी और संस्कृति को ध्यान रखना चाहिए…जब फॉरेनर हिंदी नहीं लिख रहे तो हम अंगेजी क्यों लिखें😏
LikeLiked by 2 people
हा हा, सही। पर मैं इस बात का भी पक्षधर हूँ कि आवश्यकता पड़ने से, जिन्हें हिंदी नहीं आती है, उन्हें अंग्रेज़ी में ही अपनी संस्कृति की महत्ता बतानी चाहिए।
LikeLiked by 2 people
जी…मुझे अँगेजी से दिक्कत नहीं क्योंकि पढ़ाई तो उसमें हीं कर के आज इस काबिल बनी हूँ की कुछ सोच समझ सकती हूँ!
LikeLiked by 2 people
आप हिन्दी में भी पढ़ के उस काबिल बन सकती थी 😜😜
मैंनें तो हिन्दी में ही पढ़ाई की, पर ठीक ठाक सोच समझ लेता हूँ 😂
LikeLiked by 2 people
😂😂😂 ये मस्त था लेकिन…ये वाला पंच सीधे मुँह पे लगी😋😋😋
LikeLiked by 2 people
हा हा, मुझे बाक्सिंग नहीं आती।😂😂
LikeLiked by 1 person
😂😂😂
LikeLiked by 2 people
Bahut umda
LikeLike
ur posts r so informative…i just love to read bit more about facts and stories about life..god..hinduism.keep writing
LikeLiked by 1 person
Thanks you for your encouraging remarks.
LikeLiked by 1 person
Very nice post and informative.
LikeLiked by 1 person
Pleased to know that you liked it Jyotirmoy, Thank you.:)
LikeLiked by 1 person
जय श्री कृष्णा 🙏
LikeLiked by 1 person
हरे कृष्ण 🙏
LikeLike
आपने कृष्ण के अनन्त नामो काफी अच्छे से वर्णन किया है। साहित्य के प्रति और हिंदी के प्रति लगाव देखकर बहुत ही अच्छा लगता है। आपने किसी commentsमे निराला जी का नाम लिया था। निराला जी की रचना रामकी शक्ति पूजा और सरोज स्मृति पढा है बहुत अच्छी रचना है
LikeLiked by 1 person
रजनी जी धन्यवाद! हिन्दी में मेरी खासी रूचि है।
निराला जी, दिनकर जी हिंदी साहित्य के स्तंभ हैं और प्रेरणा के श्रोत भी।
LikeLike
हिन्दी से ही मैंने भी एम. ए किया है इस लिए विहारी निराला दिनकर आदि के रचनाओं को काफी अच्छे से पढ़ा है।
LikeLiked by 1 person
वाह! बहुत बढ़िया। हिंदी मेरी विषय नहीं, रूचि है।
LikeLike
बहुत खुबशुरत—–बहुत ही सुन्दर वर्णन जय श्री कृष्ण।
LikeLiked by 1 person
धन्यवाद भाई जी 🙏
LikeLiked by 1 person
🙏🙏
LikeLiked by 1 person