जी लें आज को…

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Sun Dial, Credit: Google

 

जी लें आज को…

 

डूबे हो क्यों अतीत में ,

फिर से आता क्या वो कल है!

हँसना तुम आज में सीख लो

जो है बस यही पल है..

 

कल हुए सफल तो उसका

कब तक तुम जश्न मनाओगे

या किसी बिगड़ी बातों से हो आहात

कब तक अश्क़ बहाओगे

जो बीती सो बात गयी

कब आगे को कदम बढ़ाओगे

आज में , हर-रोज उभरते हैं प्रश्न नए

हर दिन मिलता उनका हल है!

हँसना तुम आज में सीख लो

जो है बस यही पल है..

 

कभी अतीत से निकल भविष्य में

खुद को हम ले जाते

मन मुताबिक सुन्दर सा

सपनों का महल सजाते

पर दिवा स्वपन तो व्यर्थ है होता

न ही मिलता उससे कोई फल है

जो है केवल पुरुषार्थ आज का

होता इसमें ही बल है!

हँसना तुम आज में सीख लो

जो है बस यही पल है..

 

वर्तमान में रह कर ही तो

मंज़िल कइयों ने पायी है

जीवन रूपी इस नैय्या ने

जाने कितने सागर पर लगायी है!

बीते हुए कल को छोड़ो

भविष्य में क्या होगा! इससे मुह मोड़ो

अनुभव करो इस वर्तमान को

पीकर देखो, होता इसका मीठा कितना जल है

हँसना तुम आज में सीख लो

जो है बस यही पल है..

 

………अभय………

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33 thoughts on “जी लें आज को…”

  1. जो है केवल पुरुषार्थ आज का

    होता इसमें ही बल है!

    हँसना तुम आज में सीख लो

    जो है बस यही पल है..

    उत्तम अति उत्तम , श्रेष्ठ पंक्तिया , मन मोह लिया आपकी रचना ने 🤗🤗🤗🤗🙏

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      1. वेसे भी आपकी लेखनी में वो धार हे की जबाब लिखने में भी घण्टो लग जाते हे सोचना पड़ता है किन शब्दो में प्रतिकिर्या दूँ
        सब कुछ तो आप लिख देते हो हमारे लिए छोड़ते ही कहाँ हो आप अभय जी 🤗🙏

        Liked by 1 person

          1. सच बात ये हे कि कभी कभी किसी की भी चाहे आप की ही रचना पढ़ने के बाद मन में आता है किन शब्दो में प्रतिकिर्या व्यक्त करू , क्यों कि जो लिखा होता है न वो बहुत शानदार और दिल को छूने वाला होता है इस लिये जी

            Liked by 1 person

  2. सत्य लिखा है आपने पर हमारा मन हमेशा हसीन सपनो में खोया रहता है जिससे हम आज को वर्तमान को भूल जाते हे यही भूल हो जाती है हम जैसे इंसान से 👍🤗🙏

    Liked by 1 person

    1. WordPress पर भी कुछ ही दिनों से सक्रिय हुआ हूँ, देखते हैं यह कब तक चलता है .. ☺️

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  3. कल हुए सफल तो उसका

    कब तक तुम जश्न मनाओगे

    या किसी बिगड़ी बातों से हो आहात

    कब तक अश्क़ बहाओगे

    जो बीती सो बात गयी

    कब आगे को कदम बढ़ाओगे

    आज में , हर-रोज उभरते हैं प्रश्न नए

    हर दिन मिलता उनका हल है!

    हँसना तुम आज में सीख लो

    जो है बस यही पल है..

    ek ek panktiya lajwab …….bahut hi khubsurti se likha hai aapne…..

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