Credit: Google se uthaya
हँसना मत भूलिये…. 😉
ख़त उछाला मैंने तेरे छत पर,
तेरे पिता के हाथ आयी
भरी दोपहरी में मानों
हो मेरी सामत आयी
टशन में था तेरे छत के नीचे
दोस्त मेरा बुलेट पर ड्राइवर था
बन्दुक लेकर निकला तेरा बापू
मानों आर्मी का स्नाइपर था
बन्दुक देख मैंने झट से बोला,
अबे भाग, जल्दी से बुलेट दौड़ा
नहीं तो कोई और बुलेट चल जाएगी
काला चश्मा लेदर का जैकेट
सारी टशन मिट्टी में मिल जाएगी
हद तो तब हो गयी
बुलेट जब दगा दे गयी
उसने किक लगाया , सेल्फ लगायी
फिर भी वह स्टार्ट न हो पायी
दोस्त को बोला
अबे भाग, 100 मीटर वाली दौड़ लगा
गाड़ी छोड़, पहले
अब अपनी अपनी जान बचा
दोस्त मेरा वजनदार था
भागने में बिलकुल लाचार था
मैं दौड़ता गया
हाय! वो पकड़ा गया
मैंने सोचा अभी दौड़ते ही जाना है
कुछ भी हो अभी तेरे बापू…
View original post 164 more words
हाहाहा बहुत बढ़िया ….😊😊😊
पढ़ कर खूब मज़ा आया
बेहतरीन…
LikeLiked by 2 people
😀शुक्रिया
LikeLiked by 1 person
हा हा हा , लाजबाब 🤗🙏🙏🙏
LikeLiked by 1 person
शुक्रिया ☺️
LikeLiked by 1 person
मज़ा आ गया ,,, बहुत अच्छा
LikeLiked by 1 person
शुक्रिया मधुसूदन जी..!
LikeLiked by 1 person
Well penned…👍👌😚
LikeLiked by 1 person
Thank you ☺️
LikeLiked by 1 person
” मैंने सोचा अभी दौड़ते ही जाना है
कुछ भी हो अभी तेरे बापू…” … Ko Pataana Hai??
LikeLiked by 1 person
☺️☺️
Hi Kirti, it’s just a re-blog, so the rest of the content is missing. If you view the original post by clicking on bottom section of current blog, a whole new story will unfold. Do read that and let me know that you enjoyed it or not.
LikeLike
Oh that’s crazy.. okay i’ll let you know for sure.. 🙂
LikeLiked by 1 person
हाहाहा….. मजेदार , कुछ कुछ Movie -Happy bhaag gai jaisa सीन जैसा……है
LikeLiked by 1 person
मैंने वह Movie नहीं देखी, बस थोड़ा improvise करना चाहता था लेखनी में। खुशी हुई कि आपको पसंद आया। 😀
LikeLiked by 1 person