गहरी जड़ें

कोई तूफान था आया यहाँ

कई पेड़ यहाँ का उखड़ा है

जिन पेड़ों की जड़ें थी गहरी

वह अब भी  तनकर खड़ा है

Uprooted tree
Yesterday night, torrential rain and thunderstorm caused much of havoc here , Clicked it in Morning

15 thoughts on “गहरी जड़ें”

  1. बहुत खूब—–इस तूफ़ान को अपने जीवन से मिलाने का एक छोटा प्रयास—शायद आपको पसंद आये——

    हम कोमल-नाजुक पत्ते,खूबसूरती हैं डाल के,
    हमारा क्या अस्तित्व,हमारा जीवन भी डाल से।
    हम नाजुक हैं कमजोर नहीं,
    तूफानों से टकराते हैं,
    बेसक टकराकर अपना तन,
    रक्त-रंजित भी हो जाते हैं,
    हम आग सी तपती धूपों को भी,
    हंसकर के सह जाते हैं,
    आती है घोर बिपत्ति तब,
    डटकर हम उसे भगाते हैं,
    कुछ टूटते है कुछ सुख जाते,
    कुछ डाल से दूर नहीं जाते
    टकरा कर के तुफानो से,
    हम लहू-लुहान भी जाते,
    जिस डाल के हमसब पत्ते हैं,
    उस बृक्ष की जड़ कमजोर नहीं,
    तूफ़ान भी अब शर्मिंदा है,
    उसमे भी इतना जोर नहीं,
    हैं गिरे बृक्ष वे नाजुक थे,
    जड़ में उसकी थी जान नहीं,
    हम पत्ते,डाल जिस बृक्ष के हैं,
    उसका हिलना आसान नहीं।

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