Traitor and Loyalist

 

Img1
Credit: Internet

कुछ विश्वसनीय लोगों के बल पे

हारी बाजी भी जीती जा सकती है

और एक विश्वासघाती के कारण

जीती बाजी भी मिट्टी में मिल जाती है

                                                                 ~अभय 

With a handful of loyalist,

even an inevitable lost war

can be turned in to victory,

but a single traitor

can ruin the entire cause.

                                                                ~Abhay

 

Be the cause of victory, not the defeat.

Advertisement

25 thoughts on “Traitor and Loyalist”

  1. सच कहा आपने—–जिसके आतंक से ऋषि दूर होकर भी यज्ञ नहीं कर पाते थे उसी के निकट रहनेवाला उसका भाई दरवाजे पर तुलसी गाँछ लगाकर रहता था। ऐसे उदार भाई के साथ बिश्वासघात ही था जिसके कारण रावण जैसा योद्धा के साथ-साथ स्वर्ण नगरी लंका भी राख हो गयी। हजारों विस्वसनीय अपनों पर एक अपना दिखनेवाला विश्वासघाती भारी पड़ता है,बिलकुल सत्य।

    Liked by 1 person

    1. इस परिप्रेक्ष्य में मेरा व्यक्तिगत मत अलग है। बहुत लोग विभीषण को विश्वासघाती के रूप में देखते हैं, और घर का भेदी, लंका ढाहे कथन काफी प्रचलित है।
      परंतु यह स्मरण रहे कि असत्य, अधर्म से विश्वासघात करने में कोई बुराई नहीं है। विभीषण का कृत भगवत पक्ष में था, इसलिए न्यायसंगत है। 🙏

      Liked by 1 person

      1. सही कहा आपने –जब भगवन की बात आती है हम शून्य हो जाते है और हैं भी परंतु कल की ही बात करते हैं जब द्रौपदी को भरी दरबार में नंगा किया जाता है तब सभी सिंघासन का हवाला देकर मौन रह जाते है उस समय धर्म कहाँ गया था।अगर बिभीषन विश्वासघाती नहीं जैसा की हम भी मानते हैं फिर उन महाभारत के योद्धाओं को क्या कहेंगे—। उस समय का नीति कहता है कि राजा उश्वर का रूप होता है और उसकी आज्ञा सरोपरी फिर यही बिभीषन पर लागू क्यों नहीं।

        Liked by 1 person

        1. जो भी मौन रहे, अनिवार्यतः धर्म युद्ध में मारे गए थे! प्रत्यक्ष रूप से या परोक्ष रूप से

          Liked by 1 person

          1. मृत्युभूमि है सबको मरना है——अगर ईश्वर को मानते हैं तो हम भी ईश्वर की संतान हैं—और मेरा धर्म युद्ध रोज चलता है,फिर बिश्वासघात कैसा—–?धर्मयुद्ध में सभी अपनों का साथ देते हैं—-फिर बिभीषन क्यों नहीं——?

            Liked by 1 person

            1. धर्म युद्ध में पांडव और कौरव अपने होकर भी सामने खड़े थे! धर्म युद्ध में दो पक्ष ही होते हैं, एक धर्म का और अधर्म का। अपना पराया कुछ नहीं होता।
              आपके प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद!

              Like

              1. सुक्रिया—–वैसे एक ही इंसान एक के लिए विश्वासघाती एवं दूसरे के लिए धर्मी होता है—–।जो अपनों से छल करे वो विश्वासघाती एवं अधर्मी कहलाता है ।दूसरे के लिए धर्मी ।ये मेरा सोंच है—-काफी बिस्तार हो गया—–आभार आपका जवाब देने के लिए।

                Liked by 1 person

                  1. अरे अभय जी आप लोगों के चर्चा में मैं भी ज्ञान थोड़ा बांटना चाहती हूँ। पहला भगवान् विश्वास करने वाले के लिए हैं तर्क देने वाले के लिए नहीं। दूसरी बात कृष्ण लीला धारी हैं वे लीला करते हैं और राम समाज में रहने वाले लोगों के आदर्श है इसलिए पुरुषोत्तम राम कहा गया है। इस लिए रामायण और महाभारत की कहानी मिला कर तर्क करना निराधार है।

                    Liked by 1 person

        2. पांडव अपने मां के आज्ञा से जबकि वो जानती भी नहीं थी कि जिसको वह पांच भाइयों को बांटने को कह रही हैं वो औरत है फिर भी उन लोगों ने बांटकर मां के आज्ञा का पालन किया। वो द्वापर, त्रेता, सत्युग था। ये कलयुग है। इस युग में झूठे तर्कों की ही जीत होती है।

          Liked by 2 people

    2. धर्म हेतु अवतरित गोसाईं मुरहू मोहि ब्याज की नाई। ये बालि ने पूछा था मरते समय भगवान् से।
      तब भगवान् ने जबाब दिया
      अनुज बहुत भगिनी सूत नारी सुन सठ कन्या समय चारी इनही कुदृष्टि विलोकही जेई ताहि बजे कुछ पाप न होई। उम्मीद करती हूं इस दोहे से भगवान् की महिमा अपरम्पार है ये समझ आ जाएगी। धन्यवाद।

      Liked by 1 person

  2. आप की रचना अच्छी है। चार लाईन पर इतना बड़ा तर्क वाह भाई वाह। मुझे तो इस लिए बोलना पड़ा क्योंकि भगवान् में विश्वास करने वाले के लिए भगवान् की निंदा सुनना भी पाप है। कुछ पूर्व जन्म के कर्म भी होता है जिसका भोग भोगना पड़ता है। विभीषण रावण कुम्भकरण अपने श्राप के कारण – – – – – – – – – ।खैर छोडिये इतना बड़ा रामायण, महाभारत, गीता का ज्ञान तर्क से नहीं समझा जा सकता है। इसके लिए भाव और भावना होनी चाहिये। इसीलिए कहा गया है
    जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूर्ति देखी तिन्ह तैसी।

    Liked by 2 people

Leave a Reply

Please log in using one of these methods to post your comment:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: