सैद्धांतिक विषय :-P

“भाई जानते हो इस बार Medicine का नोबेल पुरुस्कार किसको और क्यों मिला ?” मैंने जैसे ही ये बात अपने छोटे भाई को बतानी चाही तो वह अन्यमनस्क (absent minded) सा व्यवहार करने लगा और कहा कि उसमे से कुछ पैसे मुझे थोड़े ही न मिल जायेंगे और ऊपर से बायोलॉजी. मैं हँसा. पर चुकि मेरे मन में बात बैठ गयी थी कि आज तो इसको ज्ञान दे के ही छोड़ना है.

मैंने कहा अच्छा छोड़ो एक सैद्धांतिक बात बताता हूँ. संसार में दो तरह के लोग होते हैं. एक तो वह जो घड़ी के काँटों के हिसाब से काम करता है, उठता है, खाता है, नहाता है, खेलता है, पढता है, फेसबुक चलाता है वग़ैरह-वग़ैरह. दूसरा वह जो घड़ी के काँटों को अपने हिसाब से चलाता है. जैसे वह जब उठेगा, तभी सुबह होगी, जब नहाने का मन होगा तभी बारिश, जब भूक लगी तभी कोई जलसा होगा और जब नींद लगी तभी रात.

भाई बोला “ये तो ठीक है पर मुझे लगता है एक और कैटेगोरी (Category) होनी चाहिए.” मैंने पूछा कौन सी”?
उसका जवाब मजेदार था. उसने कहा “तीसरी कैटेगोरी वैसे लोगों कि होनी चाहिए, जो करना तो चाहते हैं घड़ी के काँटों के हिसाब से काम पर हो जाता है उल्टा और फिर बाद में होता है अफ़सोस. मुझे ही लीजिये न, पांच दिन से रूटीन बना रहा हूँ कि 5 बजे सुबह उठूँगा, पर लगता है मेरी घड़ी में में सुबह के पांच का काँटा है ही नहीं, चार बजे के बाद सीधे सात बज जाते हैं”

बात तो जायज़ थी, आपके साथ भी ऐसा होता होगा, नहीं? मेरे साथ तो सदियों से ऐसा ही चला आ रहा है

मैंने भाई से कहा “तुम जानते हो इसका कारण क्या है”? उसने लपक के कहा “कौन नहीं जनता, आलस है और क्या”
मैंने कहा ये तो बराबर है, पर एक और कारण है. उसने अपना मुँह प्रश्नवाचक चिन्ह (Question mark) की तरह बनाया. मैंने बोला “हरेक जीव के शरीर में एक बायोलॉजिकल क्लॉक (biological clock) होता है, हमारा शरीर एक फिक्स पैटर्न (fix pattern) में काम करता है. सोने का समय, जागने का समय, भूख लगने का समय आदि. इस निश्चित पैटर्न को Circadian Rhythm कहते हैं. यदि किसी का ये पैटर्न टूटता है, इसमें कुछ अनियमितता आती है तो इसका बुरा प्रभाव शरीर पर आ सकता है”. वह उत्सुकता के साथ सुन रहा था और फिर प्रश्न किया कि “तब तो मैं देर से उठता हूँ तो ठीक ही करता हूँ, क्योंकि मेरा Circadian Rhythm शायद इसी तरह है”. मेरे भाई ने सिद्धांत के प्रयोग में थोड़ी भी देर नहीं की.  मैंने कहा “नहीं, अगर रात में बिस्तर पर यदि तो WhatsApp या YouTube पे Video देखना बंद कर दो तो इस Rhythm को बदला जा सकता है”.

उसने पूछा “आपको कैसे पता चला ये सब”? मैंने कहा इसी Circadian Rhythm की खोज के लिए इसबार के Medicine का नोबेल पुरुस्कार मिला है.
अब वह अपने चेहरे पर झूठा गुस्सा और छोटी सी मुस्कान लिए बोला “खुश तो बहुत होंगे आप, समझा दिया न मुझको इसबार के Medicine के नोबेल पुरुस्कार मिलने का कारण”. मैंने भी अपने सामने के कुछ दांतों की प्रदर्शनी लगा दी. 😀

आप भी Circadian Rhythm के बारे में विस्तृत जानकारी ले सकते हैं, मज़ेदार है.

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32 thoughts on “सैद्धांतिक विषय :-P”

  1. Oh my god…I think I understood.😁 Boy explaining to his younger brother about the Cicardian rhythm when he understood that the latter doesn’t know about nor the fact that Nobel prize for medicine was given for this theory. Through this conversation you it explained to the readers too….Am I right?😁Pardon me if I understood it wrong.

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    1. Well well well! I have to accept that you are a pretty quick learner. You are almost there. But one thing is also clear that you must also give a credit to me, since you got a nice trainer who made you learn Hindi so quickly 😂

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      1. I have learned hindi but not in detail…However, owing to your claim I say thank you sir 😜 Although, can you tell me the meaning of the first word in the title? Does it mean ‘scientific’?

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          1. Haha.. Who is denying it😁
            In education, health care, sanitation, per capita income, rich culture endowed with natural beauty, in every mean you people fare far better than national average. 👍

            Liked by 2 people

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