अपनी यादों से तेरी यादों को
विस्मृत होने नहीं देता
लौ बुझ सी जाती है
मैं दीये में तेल फिर से उड़ेलता हूँ
मैं तुम्हे खत लिखता हूँ
हर वर्ष अनवरत
अलग बात है कि
चिट्ठियों को अब मैं उनका
पता नहीं देता
हाँ, ये भी सच है कि
अब मुझे तुम्हारे
पते का पता भी तो नहीं
और सच कहूँ तो
अब जरुरत भी नहीं
कि मेरा हर संदेश तुम तक पहले भी
बिना पते के पहुँचता था
बिना पते के पहुँचेगा
यादें न हुई कि
हो गए पदवेश में फँसे कंकड़
मैं जितने कदम बढ़ाता हूँ
हर कदम पर चुभन का
एहसास दिलाती है
पर मैं न पदवेश बदलता हूँ
न कंकड़ निकालता हूँ
बस चलता जाता हूँ
चलता जाता हूँ
……अभय …..
Lovely poem Abhay
LikeLiked by 1 person
Thanks Tanvir!😊
LikeLiked by 1 person
Awesome one,specially loved…”ab mujhe tumhare pate ka pata bhi toh nahi”
LikeLiked by 2 people
Shukriya Jyotirmoy! 🙂
LikeLiked by 1 person
heartouching poem…
LikeLike
Shukriya Kabir Sahab!
LikeLike
Beautifully written!
Keep sharing😊
LikeLiked by 1 person
Shukriya Riman!
LikeLiked by 1 person
वाह बेहतरीन कविता भाई जी ……..बहुत खूब.
कितने निर्मोही लोग यहाँ फिर भी है उनसे मोह,
मिटाये मिट नहीं पाता,
दिल से उनका मोह मिटाये मिट नहीं पाता |
सूरज नित आता जाता है,
चन्दा भी चमक दिखाता है,
कई ऋतुएँ आती जाती हैं,
पतझड़ में खुशबु लाती हैं,पर वे बैठे किस लोक,
मिटाये मिट नहीं पाता,
दिल से उनका मोह मिटाये मिट नहीं पाता |
पते बिन जैसी पाती,
घूमती,घूमता दिन रात्रि,
खत क्या मैं दिल नित भेजूं,
हर राह में जिनको देखूं,वे छोड़ गए किस ओर,
मिटाये मिट नहीं पाता,
दिल से उनका मोह मिटाये मिट नहीं पाता |
LikeLiked by 2 people
मेरी लेखनी को पढ़ने और उसके बाद भी सबसे ज़्यादा समय कोई समय देता है तो मुझे आप ही लगते है मधुसूदन जी! शुक्रिया। लेखनी का जवाव नही।
LikeLiked by 1 person
Jo kavita dil ko chhu jaati hai aur kuchh likhne ko majbur karti hai…..nischit hi uspar samay main jyaadaa detaa hun…….akshar aapki kavita hamen samay dene par majboor karti hai…..aise hi likhte rahiye…..sukriya apka.
LikeLiked by 1 person
😇😇
LikeLike
Bahut sunder abhivakyati
LikeLiked by 1 person
Shukriya Pratima ji
LikeLiked by 1 person
अतिसुंदर😛
LikeLiked by 1 person
Thank You!
LikeLiked by 1 person
बहुत खूब।
LikeLiked by 1 person
Bahut bahut Dhanyavad!
LikeLiked by 1 person
Beautifully written!
LikeLiked by 1 person
Thanks for liking it. 🙂
LikeLiked by 1 person
Sundar rachna.
LikeLiked by 1 person
Dhanyavaad 🙏
LikeLiked by 1 person
Lovely poem👌
LikeLiked by 1 person
Shukriya Shayra😇
LikeLike
My pleasure😄
LikeLiked by 1 person