बीता वर्ष

तुम जो जा रहे
सब तुम्हे भूल जायेंगे!
नए के स्वागत में सभी
कई मिलन गीत गायेंगे


पता है कि तुम कभी
लौटोगे फिर से नहीं
उन कहानियों का क्या होगा
मिलकर जो हमने गढ़ी


क्या करुँ कि मन मेरा
तुममे ही टिका है
कई खट्टी मिट्ठी यादों का
सजा जो कारवां है


कि जाना सबको है
कि अब तुम्हारा समय हुआ
पर ये स्मरण रहे तुम्हें कि तुमने
दिल के हर कोने को छुआ

……..अभय…….

23 thoughts on “बीता वर्ष”

  1. खूबसूरत कविता भाई जी।
    नव वर्ष मंगलमय हो।

    तुम गुजर गए पर साथ मेरे,
    है यादें बनकर पास मेरे,
    हैं लम्हें वे अनमोल
    दिए जो मुझको तुम बे-मोल,
    उन्हीं लम्हों में खोए आज यहाँ मुस्काता हूँ,
    तूँ है साथ सदा बिन तेरे सच मैं आधा हूँ।

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