सज्जन कौन?

सज्जन जन वही है जो, ढाल सरीखा होए
दुःख में आगे रहे, सुख में पाछे होए ~कबीर

सज्जन व्यक्ति ढ़ाल के समान होते हैं. जिस प्रकार केवल मुसीबतों के क्षण में ढ़ाल सामने आकर व्यक्ति की रक्षा करता है और सुख के समय में हमेशा यह व्यक्ति के पीछे रहता है, सज्जन व्यक्ति भी ठीक उसी प्रकार व्यवहार करते हैं

Gentle person behaves like shield. Just as shield comes forward at the time of adversity and protects the person who posses it, similarly Nobel person comes to rescue when life is not smooth.

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24 thoughts on “सज्जन कौन?”

  1. हम जब भी हताश होते हैं ईश्वर किसी व्यक्ति को ढाल बना भेज ही देता है।
    निश्चित दुर्जन व्यक्तियों की कोई कमी नहीं,तो सज्जन भी जीवन भी ढाल बन सामने आ ही जाते हैं।और दिल से कृतज्ञता के भाव निकल जाते हैं और वे सदा दिल में विराजमान हो जाते हैं।

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      1. सबको भेजता है ।।।।।कोई समझता है कोई समझने को तैयार नही होता। ईश्वर आपको सदैव ऐसे ही मदद करते रहे।

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      1. आपके पोस्ट को पढा तो आपके शब्द भले न हो पर आपके माध्यम से ही तो हमें कुछ सीखने को मिला।फिर भी माफी चाहूंगी मैं इतना भी नहीं समझ पाई कि ये कबीर के शब्द हैं। धन्यवाद बताने के लिए।

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        1. एक बार मेरे ब्लॉग पर अवश्य आये मेरी पुस्तक भले ही न पढ़े पर मेरी पुस्तक की समीक्षा और मेरे पुस्तक इंटरव्यू के प्रश्नों को पढ़े मुझे अच्छा लगेगा और आपको साथ में कबीर की कुछ पंक्तियाँ भी पढने को मिलेगी जिससे आपको भी अच्छा लगेगा क्योंकि वो मेरे शब्द नहीं है बस भाव मेरे हैं।

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