ये जो तुम जो हर पल नखरे दिखाती हो
आती हो, जाती हो फिर मुझपे छाती हो
मैं तैयार नहीं रहता, हरपल चौंकाती हो
मैं सूखता भी नहीं फिर भींगो जाती हो
लोगों की टोली पे तुम जो कहर बरपाती हो
ये जो लम्बी लम्बी ट्रैफिक जाम लगाती हो
वीकेंड की हर बार, ऐसी की तैसी कर जाती हो
फिर भी तुम मुझको रास आती हो, बरसते रहो
………अभय………