तिमिर हारे
चहुँदिशि प्रकाश ही प्रकाश हो
अयोध्या रूपी शरीर में
हृदयरूपी सिंहासन पर
श्रीराम जी का वास हो
फिर, उल्लास ही उल्लास हो!
….अभय….
तिमिर हारे
चहुँदिशि प्रकाश ही प्रकाश हो
अयोध्या रूपी शरीर में
हृदयरूपी सिंहासन पर
श्रीराम जी का वास हो
फिर, उल्लास ही उल्लास हो!
….अभय….
जय श्री राम 🙏बहुत खूब लिखा है ।
मेरे ब्लॉग पर दूरदर्शन के कार्यक्रम की झलक है। देखे और बताएं कैसा है?
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Ji Awashya!
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