जिद्दी मन..

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Child Labour. Credit: Indian Express

 

पावों में हैं बेड़ियाँ
हाथों में है पाश
मैं खड़ा जमीं पे
पर, दृष्टि में आकाश

सुविधाएँ तो थी नहीं
साधन भी मुझे मिला नहीं
दर-दर की ठोकरे खायीं
पर, किसी से कोई गिला नहीं

सब कहते हैं, भाग्य में हो जितना
केवल, उतना ही तो मिलता है
पर करें क्या कि, जिद्दी है मन मेरा जो कहता
पुरुषार्थ भाग्य बदलता है

……अभय ……

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