छोटी बहन की व्यथा से आहत होकर, उसके लिए दिल से निकला सहानुभूति से भरा कुछ अल्फ़ाज़. उम्मीद ही नहीं अपितु दृढ विश्वास भी है कि बच्चों के बीच इस पोस्टर को लेकर जाऊंगा तो उनका नेता बनने से कोई रोक नहीं सकता और माताओं के बीच इसी पोस्टर को लेकर गया तो बेलन से सिर पर सींघ अपने आप उग आएंगे.
विषय पर आपकी तो सहमति है न ? 🙂
You must be logged in to post a comment.