तुम कभी, कहीं, किसी के
ऐसे भी न हो जाओ
अस्तित्व भुला, सपनों को जला
बीच भंवर में खो जाओ
….अभय….
तुम कभी, कहीं, किसी के
ऐसे भी न हो जाओ
अस्तित्व भुला, सपनों को जला
बीच भंवर में खो जाओ
….अभय….
बेहिसाब हसरतें न पाला जाए!
जो मिला है पहले उसे, संभाला जाए!!!
Don’t make any close relationship without complete understanding
and
Don’t break close relationship with small misunderstanding